जौनपुर की प्रसिद्ध इमरती
मिष्ठान में शामिल इमरती सर्वसुलभ जलेबी बिरादरी की एक विशिष्ट मिठाई है। जबलपुर(मध्य प्रदेश) की प्रसिद्ध दुकान बड़खुल हलवाई खोये की जलेबी के लिए विख्यात हैं तो जौनपुर के बेनीराम हलवाई अपनी इमरती के लिए। जौनपुर के प्रसिद्ध मिष्ठान विक्रेता 'बेनीराम देबीप्रसाद' की इमरती करीब डेढ़ दशक पुरानी है। जौनपुर से जो भी व्यक्ति कहीं जाता है वह यहां की प्रसिद्ध बेनी की इमरती जरूर ले जाता है।देशी चीनी और देशी घी में बनने के कारण इमरती ठंडी होने पर भी मुलायम रहती है। इस इमरती को दस दिन तक सही हालत में रखा जा सकता है। लेकिन फ्रिज में इसे नहीं रखा जा सकता।शहर के नखास मुहल्ले के निवासी बेनीराम देवी प्रसाद ने सन 1855 से अपनी दुकान पर देशी घी की इमरती बनाना शुरू किया था। वर्तमान में मूल फर्म बेनीराम देबीप्रसाद के परिवार की दो अन्य दुकानों के अलावा हरलालका रो्ड पर बेचू साव, हीरा साव और टाउनहाल के पास झगड़ू साव भी देशी घी की अच्छी इमरती बनाते हैं। इनकी इमरती भी जौनपुर की प्रसिद्ध इमरती के नाम पर बाहर ले जायी जाती है।
इत्र और तेल
जौनपुर का इत्र और तेल उद्योग अपनी ख़ास पहचान रखता रहा है। हालांकि मशीनीकरण ने जौनपुर के तमाम मुहल्लो में जगह-जगह चलने वाले परम्परागत कोल्हुओं को बंद करके इस गृह उद्योग का लगभग खात्मा कर दिया है लेकिन अभी भी इस व्यवसाय से जुड़े कुछ लोग किसी न किसी तरीके से जौनपुर की इस पहचान का अस्तित्व बचा रहे हैं। फिलहाल जौनपुर शहर में तेल के तीन और इत्र के एक व्यवसायी अभी भी अच्छे ढंग से इस पुश्तैनी कारोबार को चला रहे हैं।
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